कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं..
*Harivansh Rai Bachhan's poem on FRIENDSHIP :* _________________________________ ....मै यादों का किस्सा खोलूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.... ...मै गुजरे पल को सोचूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.... ...अब जाने कौन सी नगरी में, ...आबाद हैं जाकर मुद्दत से....😔 ....मै देर रात तक जागूँ तो , कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.... ....कुछ बातें थीं फूलों जैसी, ....कुछ लहजे खुशबू जैसे थे, ....मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो, ....कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं. ...सबकी जिंदगी बदल गयी, _...एक नए सिरे में ढल गयी,_😔 ...किसी को नौकरी से फुरसत नही... _...किसी को दोस्तों की जरुरत नही...._😔 ...सारे यार गुम हो गये हैं... ...."तू" से "तुम" और "आप" हो गये है.... ....मै गुजरे पल को सोचूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.... ...धीरे धीरे उम्र कट जाती है... _...जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है,_😔 ...कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है... और कभी यादों के सहारे ज़िन्दगी कट जाती है ...😔 ....किनारो पे सागर के खजान...